हार
में हार नहीं मिलते
माँ के आँचल
का प्यार, पिता की छाया का दुलार
सबके कंधों
पर भार, फिर भी सर उठाने को तैयार
ये सबब बार
बार नहीं मिलते
हार
में हार नहीं मिलते
ये जीत की चाह,
मेहनत की राह
हर शाम सुर्ख और
रात स्याह
जहाँ
अपने अपनों से कई बार
नहीं मिलते
हार
में हार नहीं मिलते
उड़ने की तरंग,
उल्लास के रंग, तू मस्त मलंग
दुनिया को करदे
दंग, मौके बार बार नहीं मिलते
हार
में हार नहीं मिलते
वो सीखने जाना, हर
हाल में खुद को
मनाना
थकने
पर मुस्कुराना और हर छोटी
जीत के आंसुओं को
छुपाना
योद्धा बाजार
में तैयार नहीं मिलते
हार
में हार नहीं मिलते
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